14 जुलाई दिन रविवार दोपहर 1:00 बजे सेवा समूह के कार्यकर्ताओं के लिए प्रबोधन वर्ग में आरोग्य भारती, सेवा भारती, सक्षम, सेवा विभाग, संगवारी, भारत विकास परिषद् आदि संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में स्वदेशी भवन, शांति नगर, रायपुर में आयोजित किया गया। जिसमें जबलपुर के ख्याति प्राप्त अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जितेंद्र जामदार जी, डॉ पूर्णेन्दु सक्सेना सह प्रान्त संघ चालक एवं गोपाल जी व्यास, प्रान्त संरक्षक-सक्षम उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ जितेंद्र जामदार जी ने अपने उद्बोधन में राजा रंतिदेव की प्रसंग पर उद्धृत किया राजा रंतिदेव का कहना था मुझे स्वर्ग भी नहीं चाहिए ना ही मोक्ष चाहिए ना ही मेरी कोई कामना है। दुख की अग्नि में तपने वाले सारे प्राणियों में जीवात्मा है उन सब के दुखों का निवारण करना हमारा कर्तव्य है और इसी में ही आनंद मिलता है सुख के चार प्रकार होते हैं शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक। इस विषय पर उन्होंने विस्तारपूर्वक जानकारी दी। जैसे एसी में ठंडक में बैठने पर हमें सुख की अनुभूति होती है। सेवा से नेत्रदान जरूरतमंद लोगों को रक्तदान देते हैं इससे हमें दान की अनुभूति तो होती है साथ ही आनंद मिलता है कि हमारा रक्त किसी के जीवन के लिए सहायक हुआ। भले ही कभी रक्तदान से कमजोरी भी महसूस होती है लेकिन यही आत्मिक सुख है। भगवान राम ने वशिष्ठ जी से पूछा देवताओं का पूजन क्यों करते हैं। “येन केन प्रकारेण यस्य कस्यापि देहिनः।” जब भी किसी प्रकार की कोई घटना घटी सब कुछ यह मन का भ्रम है। सभी प्राणियों की सेवा करें। सब प्रकार का दुख दूर करना ही सबसे बड़ा पुण्य है।
27 वर्ष पूर्व बुद्ध स्वामी सत्यमित्रानंद जी गिरी महाराज के सानिध्य में आकर सेवा समन्वय संस्थान से जुड़े। जो कि दिव्यांगों के हित में उल्लेखनीय कार्य समाज के बीच करते हैं। दिव्यांगों के अनेक उपकरणों को उपलब्ध कराना, ऑपरेशन, कार्निया, मोतियाबिंद का नि:शुल्क इलाज एवं शल्य चिकित्सा सुलभ कराया। एवं आज भी निरंतर सेवा कार्य के प्रति समर्पित रहते हैं।
अंत में उन्होंने सेवा समूह के कार्यों का व्रत सुनकर अपने आप को अभिभूत पाया और उनका कहना था यह अच्छा कार्य जानकर मैं अपने अंतःकरण से व्यक्त नहीं कर सकता।
कार्यक्रम में कुल संख्या 82 थी जिसमें 22 मातृशक्ति एवं शेष पुरुष वर्ग इन क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम सार्थक रहा।
कार्यवृत्त सभी सेवा संगठनों द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसमें
सक्षम – सक्षम द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन शहर के विभिन्न स्थानों पर संपन्न कराया गया। नेत्र शिविर में मातृशक्ति एवं पुरुष वर्ग में 710 लोग लाभान्वित हुए। साथ ही नि:शुल्क चश्मा वितरण 208 लोगों को उपलब्ध कराया गया। मोतियाबिंद की जांच कर नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा अरविंदो नेत्रालय में कराई गई। इसमें नेत्रदान हेतु 50 एवं देहदान हेतु 4 लोगों ने संकल्प लिया।
सेवा भारती – मातृछाया, किशोरी विकास, सिलाई केंद्र, बाल गोकुलम्, संस्कार केंद्र, श्रद्धा जागरण आदि के कार्य किए जाते हैं। सेवा विभाग के माध्यम से रक्तदान, तालाबों की स्वच्छता, व्यसन मुक्ति अभियान, आरोग्य केंद्र, पाठ दान केंद्र, अस्पतालों में भोजन की व्यवस्था आदि के कार्य किए जाते हैं।
संगवारी फाउंडेशन – 54 बस्तियों में 135 महिला समूह के बीच पंद्रह सौ परिवारों को न्यूनतम ब्याज दर पर लोन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। कंप्यूटर केंद्र संचालित किया जाता है।
आरोग्य भारती – गर्भ संस्कार कार्यक्रम का व्ही वाई हॉस्पिटल में आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राजकोट गुजरात से डॉक्टर करिश्मा नारवानी जी के माध्यम से एक दिवसीय कार्यशाला लगाकर 26 दंपतियों को इस विषय पर बहुत ही तथ्यात्मक व् उपयोगी जानकारी दी गई। घरेलू उपचार, प्राथमिक उपचार पर ग्राम केंद्री में लगभग 390 ग्रामीणों की उपस्थिति में घरेलू उपचार से संबंधित जानकारी दी गई। ग्राम केंद्री के शासकीय स्कूल में स्कूल प्रबोधन की कार्यशाला भी लगाई गई। जिसमें वहां के सभी विद्यार्थियों को आवश्यक जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर समाजसेवी उमेश राठी जी ने विद्यालय को 3 नग पंखा प्रदान किया। साथ ही स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लगभग 120 लोगों को विभिन्न किस्म के औषधि पौधे का वितरण भी किया गया। रायपुर शहर के 4 स्थानों पर सेवा भारती के साथ बस्तियों में मेडिकल कैंप लगाया गया। जिसमें उन बस्ती के लोगों ने लाभ लिया। योग दिवस पर क्रीड़ा भारती के साथ छत्तीसगढ़ में एक साथ 19 जिलों में योग दिवस के रूप में मनाया गया।