पुस्तक ‘घोष शास्त्र’ विमोचित

 

  • सैन्य संगीत पर है केंद्रित 
  • ऐतिहासिक पुस्तक गायनी कळाके अंश का हिंदी अनुवाद

छत्तीसगढ़ राज्य हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक ’घोष शास्त्र’ का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ.मनमोहन वैद्य ने आज किया। यह पुस्तक सैन्य संगीत का विवेचन है। स्वर्गीय हरिनारायण दात्ये द्वारा रचित मराठी पुस्तक ’गायनी कळा’ के एक भाग का यह हिंदी अनुवाद पूर्व सूचना आयुक्त श्री अनिल जोशी ने किया है। कुशाभाऊ ठाकरे जनसंचार एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय एवं चित्र भारती संस्था के द्वारा आयोजित कार्यशाला ’समझ फिल्म की’ के अवसर पर यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।

 

पुस्तक ’घोष शास्त्र’ स्वर्गीय हरिनारायण दात्ये द्वारा रचित मराठी पुस्तक ’गायनी कळा’ के अंश का यह हिंदी अनुवाद सांघिक एवं प्रांगणीय संगीत अथवा सैन्य संगीत की साधना करने वाले वादकों के लिए उपयोगी है। इस पुस्तक में संगीत लेखन पद्धति एवं वादन के लिए आवश्यक अनेक आयामों का विस्तार से वर्णन किया गया है। संगीत की इस शैली की साधना करने वाले वादकों के लिए यह पुस्तक एक आधार की तरह है।

 

संस्कृति विभाग के सभागार में आयोजित पुस्तक ’घोष शास्त्र’ के विमोचन अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालक श्री शशांक शर्मा, कुशाभाऊ ठाकरे जनसंचार एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.मानसिंह परमार, पूर्व सूचना आयुक्त श्री अनिल जोशी, चित्र भारती संस्था के प्रदेश अध्यक्ष श्री योगेश अग्रवाल, पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.अतुल तिवारी, श्री कनीरामजी, डॉ.सुभद्रा राठौर, लेखिका सुश्री शकुंतला तरार, श्री सौरभ शर्मा सहित अनेक विद्यार्थी, गणमान्यजन उपस्थित थे।

 

संलग्न: 

छायाचित्र-2

 

कैप्शन-1: पुस्तक विमोचन अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालक श्री शशांक शर्मा,  कुशाभाऊ ठाकरे जनसंचार एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.मानसिंह परमार, चित्र भारती संस्था के प्रदेश अध्यक्ष श्री योगेश अग्रवाल, पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.अतुल तिवारी एवं पुस्तक के अनुवादक श्री अनिल जोशी।

 

कैप्शन-2: कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्यजन।

       

 

 

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