मीडिया मंथन 2017

बाजार और तकनीक ने पत्रकारिता को नई चुनौतियां दी  :

टीवी पत्रकार :- अनुराधा प्रसाद

दो दिवसीय ‘मीडिया—मंथन’ का शुभारंभ

पं. दीनदयाल उपाध्याय मानव अध्ययन शोधपीठ,

कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, छात्र कल्याण न्यास का आयोजन.

रायपुर. देश की चर्चित टीवी पत्रकार सुश्री अनुराधा प्रसाद का कहना है कि बाजार और तकनीक की चुनौतियों ने पत्रकारिता का जो चेहरा बदला है, उसके कारण पत्रकारों की जिम्मेदारियां और भूमिका बदली हैं. अब जयजयकार और हाहाकार वाली पत्रकारिता के बीच का रास्ता निकालने की जरूरत है ताकि लोकतंत्र का जो विश्वास मीडिया पर बना है, वह और मजबूत हो सके. अनुराधाजी, कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर से सम्बद्ध पं. दीनदयाल उपाध्याय मानव अध्ययन शोधपीठ तथा छात्र कल्याण न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो​ दिवसीय मीडिया—मंथन समारोह के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रही थीं.
न्यूज24 चैनल की प्रबंध निदेशक सुश्री अनुराधा प्रसाद ने आगे कहा कि संघर्ष ही जीवन है और जीवन ही संघर्ष है इसलिए पत्रकारिता की नई पीढी को खुद को तरासकर आगे बढने की जरूरत है. उन्होंने अपना उदाहरण रखते हुए कहा कि जब वे पत्रकारिता में आईं तो लगा कि शायद ही सफल होउं मगर समय और चुनौतियों के अनुरूप उन्होंने खुद को तरासा और यह मुकाम हासिल किया. आज उन्हें बोर्ड रूम और न्यूज रूम में सामंजस्य बिठाना पडता है ताकि पत्रकार और पत्रकारिता दोनों का सम्मान बचा रहे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. डॉ. एम.एस. परमार ने अपने उदबोधन में कहा कि पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सही अर्थ समझने होंगे. इतिहास और संविधान की बेहतर समझ रखने वाले पत्रकार ही अपने प्रोफेशन से सही न्याय कर सकते हैं. श्री परमार ने मेडिकल और बार कौंसिल की तरह ही देश में मीडिया कौंसिल के गठन की आवश्यकता को सामने रखा ताकि मीडिया शिक्षा और सूचना माध्यमों की गुणवत्ता सुधारने की पहल हो सके.
समारोह के विशिष्ट अतिथि अभाविप के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक श्री साकेत बहुगुणा ने कहा कि भारत को स्वदेशी मूल्यों और दृष्टि के साथ आगे बढना है. छात्रशक्ति ही राष्ट्रशक्ति है, इस तादात्मय को समझते हुए अखिल भारतीय विदयार्थी परिषद ने देशभर में युवाओं का ऐसा नेटवर्क तैयार किया जो रचनात्मक और सकारात्मक भूमिका में राष्ट्रवादी विचारों के साथ आगे बढ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ तथाकथित बुदिधजीवी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसकी अनुमति नही दी जा सकती.
आयोजन के संयोजक तथा पं. दीनदयाल उपाध्याय मानव अध्ययन शोधपीठ के अध्यक्ष श्री प्रवीण मैशेरी जी ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय पत्रकारिता का गुरूकुल माना जाता है और पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी ने लगभग 20 सालों तक पत्रकारिता की इसलिए उनके योगदान को चिन्हांकित करने, नए शोध आधारित विचारों को सामने लाने तथा मीडिया में आने की इच्छुक नई पीढ़ी को पण्डित उपाघ्याय के पत्रकारीय-सिद्धांतों से परिचय कराने के उद्देश्य के साथ हमने इस दो दिवसीय मीडिया-मंथन सेमीनार का आयोजन किया है।
दैनिक भास्कर के संपादक श्री शिव दुबे ने अपने उदबोधन में समय प्रवाह और मीडिया की विश्वसनीयता पर प्रकाश डाला और कहा कि वर्तमान में खबरों की विश्वसनीयता को बाजार से खतरा अवश्य है लेकिन इसका संतुलन साधते हुए जो पत्रकारिता करेगा, वही आगे बढ सकेगा. उन्होंने कहा कि वेब पोर्टल की दुनिया ने मीडिया माध्यमों के समक्ष नई चुनौतियां पेश की हैं.
हालांकि प्रिंट माध्यम की विश्वसनीयता अब भी कायम है.
इसके पूर्व दीप प्रज्जवलन, स्वागत वंदना तथा अतिथियों के स्वागत के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई. का
र्यक्रम का संचालन प्रखर मिश्रा ने तथा आभार प्रदर्शन प्राध्यापक श्री नृृपेन्द्र शर्मा ने किया. कार्यक्रम में विशेष रूप से अभाविप के मध्य क्षेत्र के संगठनमंत्री श्री प्रफुल्ल आकांत, सह—संगठनमंत्री श्री चेतस सुखाडिया, प्रांत संगठनमंत्री श्री मधुसूदन जोशी, माधवराव सप्रे शोध पीठ की अध्यक्ष श्रीमती आशा शुक्ला, कुलसचिव डॉ. गिरीश कांत पाण्डेय, डॉ. सुरेन्द्र,  दैनिक पायोनियर के प्रबंध संपादक श्री संजय शेखर, वरिष्ठ पत्रकार अनिल द्विवेदी, विभागाध्यक्ष श्री आशुतोष कुमार मंडावी सहित प्राध्यापकगण तथा विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे.
विभिन्न सत्रों में हुए व्याख्यान

उदघाटन सत्र के बाद हुए व्याख्यानों में विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे. प्रथम सत्र की अध्यक्षता जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. शाहिद अली ने की जबकि विशिष्ट वक्ता के रूप में राज्य हिंदी ग्रंथ अकादमी के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा उपस्थित थे

. द्वितीय सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. डॉ. मानसिंह परमार ने की
जबकि विशिष्ट वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार श्री रमेश नैयर जी उपस्थित थे. तृतीय सत्र की अध्यक्षता पत्रकारिता के विभागाध्यक्ष श्री पंकज नयन पाण्डेय ने की तथा मुख्य वक्ता के रूप में हरिभूमि के प्रबंध संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी जी उपस्थित रहे.
आज समापन समारोह, प्रभु चावला से रूबरू होंगे विदयार्थी
पत्रकारिता विदयार्थी संगोष्ठी ‘मीडिया मंथन’ के दूसरे दिन कल 5 अकटूबर को प्रात: 9 बजे समानांतर सत्र शुरू होंगे जिसके अंतर्गत शोध—पत्र पढे जाएंगे साथ ही विदवानों के उदबोधन भी होंगे. इस सत्र में पांचजन्य—आर्गनाइजर के समूह संपादक श्री जगदीश उपासने का सानिनध्य पत्रकारिता के छात्रों को प्राप्त होगा. दोपहर 11 बजे देश के ख्यातलब्ध पत्रकार और टीवी फेस प्रभु चावला जी विदयार्थियों और आमंत्रितों से रूबरू होंगे. श्री चावला न्यू इंडियन एक्सप्रेस के प्रबंध संपादक हैं. समापन समारोह दोपहर 2.45 बजे रखा गया है.
प.दीनदयाल उपाध्याय मानव अध्यन शोध पीठ,कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विद्यालय एवं छात्र कल्याण न्यास के संयुक्त आयोजन मीडिया मंथन 2017 के दूसरे दिन राष्ट्र के 3 ज्वलंत विषयों पर ग्रुप डिस्कसन हुआ जिसमें महिला अस्मिता एवं विज्ञापन में मीडिया की भूमिका पर प्रियंका कौशल एवं आशा शुक्ला ने राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में छात्रों को मार्ग दर्शन दिया,राष्ट्र विकास में मीडिया की भूमिका पर साकेत बहुगुणा एवं राजेन्द्र मोहंती ने छात्रों को बताया की कैसी पत्रकारिता राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में पॉजिटिव रोल अदा कर सकता है , आंतरिक सुरक्षा मीडिया की भूमिका पर गिरीश कांत पांडेय एवं विकल्प शुक्ला ने छात्रों को बताया की राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा में मीडिया को कैसे अपना रोल राष्ट्र हित में अदा करना होगा।
          द्वितीय सत्र में देश के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने सीधी बात के अपने अंदाज में छात्रों को समझाइश दी की आप पत्रकारिता में आने के उद्देश्य को निष्पक्षता से कैसे निभा सकते है निडरता ईमानदारी जमीनी पत्रकारिता खबर जो पूरी सच्चाई जानकर उसके हर पहलू पर विचार करने के बाद परोसने योग्य है या नहीं का पूर्ण विचार कर सजगता से दी गई खबर ही आपको ऊंचाइयों पर ले जाएगी,छात्रों को अपना मार्ग खुद निश्चित कर खबर को खबर ही रहने देकर बताना चाहिए उसमें अपने विचार बाद में व्यक्त करना चाहिए निजी विचारों का घाल मेल पत्रकारिता नहीं हैं।
  पांचजन्य ऑर्गनाइजर के समूह संपादक जगदीश उपासने ने दीनदयाल जी की निडर निर्भीक पत्रकारिता से छात्रों को यह सीखने  कहा कि पत्रकार को अपनी मर्यादाओं के प्रति सजग रहते हुए शब्दों का चयन ठीक से करते हुए समाचार देने होंगे जिसमें व्यक्तिगत दुर्भावना को कोई स्थान नहीं हो साथ ही सामने पक्ष की मर्यादाओं को लांघना नहीं चाहिए संतुलित व्यवहार की पत्रकारिता ने हो दीनदयाल जी को आज भी प्रासंगिक रखा है,अंतिम सत्र में छात्र कल्याण न्यास के न्यासी प्रफुल अकांत ने छात्रों के बीच अपनी बात रखते हुए कहा कि कैसे नवयुवक छात्र देश हित में राष्ट्र हितों को ध्यान में रखकर सकारात्मक दृष्टि कोण अपना कर राष्ट्र के हित रक्षा के साथ अपनी अहम भूमिका निभा सकते है , कुलपति डॉ.मानसिंह परमार ने ऐसे आयोजनों की आवश्यकता प्रतिपादित की जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास हो।अंत में दीनदयाल शोध पीठ के अध्यक्ष प्रवीण मैशेरी ने सफल आयोजन में संयोग हेतु सभी अतिथियों विश्वविद्यालय प्राध्यापकों पत्रकारों एवं पार्टिसिपेट छात्रों छात्रों का आभार मानते हुए कहा विद्यार्थियों के हित में ऐसे आयोजन समय समय पर किए जावेंगी।

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