अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा, युगाब्द 5119

भारतीय भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन की आवश्यकता अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का यह मत है कि भाषा किसी भी व्यक्ति एवं समाज की पहचान का एक महत्त्वपूर्ण घटक तथा उसकी संस्कृति की सजीव संवाहिका होती है। देश में प्रचलित विविध भाषाएँ व बोलियाँ हमारी संस्कृति, उदात्त परंपराओं, उत्कृष्ट ज्ञान एवं विपुल साहित्य को अक्षुण्ण बनाये रखने के साथ ही वैचारिक नवसृजन हेतु भी परम आवश्यक हैं।

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मूर्तियों की अवमानना दुर्भाग्यपूर्णः मनमोहन वैद्य

नोएडा (प्रेरणा ब्यूरो)। महापुरुषों की मूर्तियों की अवमानना के मामले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य जी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। ये बात उन्होंने संघ की नागपुर में …

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“कृतिरूप संघ दर्शन- संपूर्ण पुस्तक माला , RSS “Vision in Action”

New edition of “कृतिरूप संघ दर्शन- संपूर्ण पुस्तक माला , RSS “Vision in Action” in 6 volumes, released by SarSanghchalak Dr Mohan ji Bhagwat and Sarkaryavah Suresh(Bhaiyaji) Joshi. RSSABPS 2018 Nagpur

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