अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा, युगाब्द 5119
भारतीय भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन की आवश्यकता अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का यह मत है कि भाषा किसी भी व्यक्ति एवं समाज की पहचान का एक महत्त्वपूर्ण घटक तथा उसकी संस्कृति की सजीव संवाहिका होती है। देश में प्रचलित विविध भाषाएँ व बोलियाँ हमारी संस्कृति, उदात्त परंपराओं, उत्कृष्ट ज्ञान एवं विपुल साहित्य को अक्षुण्ण बनाये रखने के साथ ही वैचारिक नवसृजन हेतु भी परम आवश्यक हैं।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा, युगाब्द 5119 Read More