कर्णावती में हुई प्रतिनिधि सभा में संघ ने किया प्रस्ताव पारित
भारत को स्वावलम्बी बनाने हेतु कार्यों के अवसर बढ़ाना आवश्यक है। – डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना
रायपुर। कोरोना महामारी के बाद रोजगार और आजीविका पर उसके दुष्प्रभाव से उबरने के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए समूचे समाज को अपनी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। इस आशय का प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में पारित किया गया, जिसे छत्तीसगढ़ प्रांत के संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने पत्रकारों को अवगत कराया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांतीय कार्यालय जागृति मंडल में आज बुधवार 16 मार्च को प्रेस वार्ता में डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने कहा कि, अ.भा.प्र.स. संघकार्य की निर्णय करनेवाली सर्वोच्च सभा है जो प्रति वर्ष आयोजित होती है। इस प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसका शीर्षक है ‘भारत को स्वावलम्बी बनाने हेतु कार्यों के अवसर बढ़ाना आवश्यक’। इस प्रस्ताव का वाचन छत्तीसगढ़ के प्रान्त प्रचार प्रमुख कनिराम ने किया।
प्रस्ताव में इस बात पर बल दिया गया है कि मानव केन्द्रित, पर्यावरण के अनुकूल, श्रम प्रधान तथा विकेंद्रीकरण एवं लाभांश का न्यायसंगत वितरण करनेवाले भारतीय आर्थिक प्रतिमान (मॉडल) को महत्व दिया जाना चाहिए, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सूक्ष्म उद्योग, लघु उद्योग और कृषि आधारित उद्योगों को संवर्धित करता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (अ.भा.प्र.स.) गुजरात के कर्णावती में गत 11 से 13 मार्च 2022 को सम्पन्न हुई है। सम्पूर्ण देशभर से कुल 1211 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें छत्तीसगढ़ प्रान्त से 30 प्रतिनिधि थे।
अ.भा.प्र.स. में एक प्रस्ताव पारित हुआ तथा संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी के द्वारा एक वक्तव्य जारी किया गया जिसमें ‘स्वाधीनता का अमृत महोत्सव- स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर’ के तत्वावधान में सम्पूर्ण देश भर में सम्पन्न हो रहे कार्यक्रमों के साथ–साथ छत्तीसगढ़ प्रान्त में हो रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। सरकार्यवाह ने अपने वक्तव्य में स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वतंत्रता आंदोलन को राष्ट्र के मूल अधिष्ठान यानि राष्ट्रीय स्व को उजागर करने के लिए निरंतर प्रयास के रूप में देखने को प्रासंगिक बताया।
प्रान्त संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने बताया कि, इस समय छत्तीसगढ़ प्रान्त में कुल 1031 स्थानों पर 1389 शाखाएं चल रही है। साप्ताहिक मिलन 505 और 307 सेवा बस्तियों में सेवा कार्य संचालित है।