जब जनरल करियप्पा 1959 में मंगलोर की संघ शाखा के कार्यक्रम में गए थे।
वहां उन्होंने कहा “संघ कार्य मुझे अपने ह्रदय से प्रिय कार्यों में से है। अगर कोई मुस्लिम इस्लाम की प्रशंसा कर सकता है, तो संघ के हिंदुत्व का अभिमान रखने में गलत क्या है? प्रिय युवा मित्रो, आप किसी भी गलत प्रचार से हतोत्साहित न होते हुए कार्य करो। डॉ. हेडगेवार ने आप के सामने एक स्वार्थरहित कार्य का पवित्र आदर्श रखा है। उसी पर आगे बढ़ो। भारत को आज आप जैसे सेवाभावी कार्यकर्ताओं की ही आवश्यकता है”।
(Malkani KR, “How others look at the RSS”, Deendayal Research Institute, New Delhi)
करियप्पा पर झूठ और इतिहास में दबा सच
Source : Panchjanya
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