नई दिल्ली. कॉस्टीट्यूशन क्लब में रश्मि सामंत द्वारा लिखित पुस्तक A Hindu In Oxford का विमोचन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने किया.
सुनील आंबेकर ने कहा कि A Hindu In Oxford में रश्मि सामंत ने अपने संघर्ष की कहानी लिखी है. ये पुस्तक संघर्ष करने वाले युवाओं को प्रेरणा देने का काम करेगी. पहले भी युवा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए गए हैं और स्वाधीनता के लिए उन्होंने भारत का झंडा उठाया है. जब कभी भारत पर संकट आया तो वहां गए भारतीयों ने ब्रिटेन की धरती से ही भारत माता की जय बोली है. उन्होंने कहा कि हमें भारत, राष्ट्र और संस्कृति पर हमेशा गर्व करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्र की धारणा विश्व कल्याण की रही है. भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जिसने अपनी समृद्धि का उपयोग विश्व कल्याण के लिए किया है. अनेक आक्रमणों के बाद भी भारत अपनी संस्कृति को संरक्षित करते हुए आगे बढ़ता रहा है. जो स्वतंत्रता के विरोधी हैं, जो सह अस्तित्व के विरोधी है वो एकतरफा विश्व को देखते हैं, आज ऐसी संस्कृति और विचार की आवश्यकता है जो सह-अस्तित्व में विश्वास करता हो. ये काम भारत कर रहा है. उन्होंने कहा कि कोलोनाइज़ माइंड के लोगों और विदेशी दासता प्रभावित लोगों से अब मुक्त होने की आवश्यकता है.
उन्होंने प्रश्न किया कि जब मद्रास का नाम बदलकर चेन्नई किया जाता है तो ये सेकुलर है? बंबई का नाम बदलकर मुंबई किया जाता है तो ये सेकुलर है, लेकिन जब इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया तो ये कम्युनल हो गया?
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने A Hindu In Oxford पुस्तक के बारे में कहा कि रश्मि सामंत ने अपने संघर्ष को अपनी इस पुस्तक में लिखा है. आज भारत की खूबियों को दुनिया स्वीकार कर रही है
इससे पहले A Hindu In Oxford पुस्तक की लेखिका रश्मि सामंत ने ऑक्सफोर्ड में आई कठिनाइयों और संघर्ष के बारे में विस्तार से बताया. पुस्तक को गरुड़ प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. रश्मि सामंत ब्रिटेन में आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष चुनी गईं थीं. उनकी कहानी अदम्य साहस, विऔपनिवेशीकरण, नस्लभेद और भेदभाव पर विजय का एक अनोखा उदाहरण है.